Wednesday 2 November 2011

कन्याभ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए अभियान की शुरूआत भी 7 नवम्बर को

काम्बोज,अनेजा करनाल
    हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा जिले में बाल दिवस के अवसर पर 7 व 8 नवम्बर को बाल भवन में राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेगी तथा परिषद द्वारा प्रदेश में चलाए जाने वाले कन्याभ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए अभियान की शुरूआत भी 7 नवम्बर को इसी कार्यक्रम में मुख्यातिथि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष आशा हुडडा करेंगी।
        उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने  लघु सचिवालय के सभागार में इस कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली। इस कार्यक्रम को भव्य रूप से सम्पन्न करने के लिए किए जाने वाले प्रबंधों की अधिकारियों के साथ समीक्षा की तथा उन्हें निर्देश दिये कि वे सभी प्रबंध समय से पूरा करें। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अलग प्रकार का दिखाई दे इसके लिए हर अधिकारी व कर्मचारी को प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक जिला बाल कल्याण अधिकारी को कहा कि जो भी प्रतिभागी इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दूसरे जिलों से आ रहे हैं उनके रहने,  खाने-पीने की पूर्ण व्यवस्था हो। कार्यक्रम का हर कार्य निर्धारित समय के अनुसार हो, अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जाए।
        जिला बाल कल्याण अधिकारी ने बैठक में बताया कि कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों से करीब 250 प्रतिभागी भिन्न-भिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए आयेंगे। इन प्रतियोगिताओं में रंगोली, सोलो डांस, पोस्टर मेंकिंग, ग्रुप डांस, कन्याभ्रूण हत्या की रोकथाम का संदेश देती लघु नाटिका के साथ-साथ करीब एक हजार स्कूली बच्चे पेंटिंग प्रतियोगिता में  भाग लेंगे। मुख्य कार्यक्रम कालीदास रंगशाला में आयोजित होगा तथा कुछ प्रतियोगिताएं बाल भवन में करवाई जायेंगी। 
        इस अवसर पर उपमंडलाधीश करनाल मुकुल कुमार, नगराधीश महेश्वर दत्त शर्मा, सिविल सर्जन शिव कुमार, नगर निगम के कार्यक्रम अधिकारी सतबीर अहलावत सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
जिले में सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना 1 नवम्बर से 20 दिसम्बर तक
काम्बोज,अनेजा करनाल
        उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने बताया कि जिले में सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना 1 नवम्बर से 20 दिसम्बर तक की जायेगी। उन्होंने सभी जिलावासियों से अपील की है कि इस जनगणना के लिए कोई भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी आपके घर आए तो उसके द्वारा पूछे गए सवालों के सही जवाब दें।
        उपायुक्त  लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की बैठक में गणना के दौरान होने वाले कार्यो की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने कहा जिले में नई वोट बनवाने का भी कार्य चल रहा है।  सभी कार्य निर्धारित समय पर किये जाने हैं इसके लिए अधिकारियों को ईमानदारी व क्षमता से अधिक काम करने की जरूरत है।
        

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग ने जिले में सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस गणना में परिवार की धर्म, जाति  का भी पूरा विवरण लिया जायेगा। परिवार के सदस्यों को चाहिए कि प्रगणक को अपनी पूरी जानकारी सही-सही दें। इस कार्य के लिए 2750 गणना ब्लाक बनाए गए हैं। एक गणना ब्लाक में 100 से 150 हाऊस दिए गए हैं। एक प्रगणक को इस कार्य के लिए 4 ब्लाक बनाए गए हैं।
कार्य में पारदर्शिता हो इसके लिए 6 प्रगणकों के ऊपर एक सुपरवाईजर नियुक्त किया गया है। जिले में 2 लाख 95 हजार 357 घर चयनित किए गए हैं। उन्होंने बताया गणना का सारा कार्य बिना पेपर के किया जायेगा। सारे सर्वे का रिकार्ड कम्प्यूटरीकृत किया जायेगा। इस कार्य में 897 प्रगणक, 895 डाटा एन्ट्री व 150 पर्यवेक्षक कार्य करेंगे। उन्होंने बताया जिले में 14 चार्ज सेंटर बनाए जायेंगे । इस अवसर पर उपमंडलाधीश करनाल मुकुल कुमार,नगराधीश महेश्वर दत्त शर्मा, योजना अधिकारी संगीता मेहता सहित जिले के अधिकारी उपस्थित थे।

पशुओं की नस्ल सुधारने के उद्देश्य से नई तकनीक का प्रयोग

काम्बोज,अनेजा करनाल
    पशुपालन विभाग द्वारा जिला में विभिन्न रोगों से पशुओं को बचाने के लिये गत माह के दौरान पशु चिकित्सा केंद्रों पर गलघोटू की बीमारी के 3 लाख 25 हजार 530 टीके,  मुंह तथा खुर बीमारी से बचाव के 58 हजार 180 टीके,  भेड़ व बकरियों को आंत्रशोध व चेचक के  13 हजार 128 टीके और कुक्कट पक्षियों को रानीखेत व चेचक की बीमारी से बचाव के 2 लाख 59 हजार 600 टीके, लगाए गए।
        यह जानकारी सघन पशुधन विकास परियोजना के उप-निदेशक डाक्टर गुरमीत सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि जिले में दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने के उद्देश्य से नई तकनीक का प्रयोग करके दुधारू पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने इस संबंध में बताया कि गत माह तक जिला में  41  हजार 567 गायों व 51 हजार 835 भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान किया गया ताकि अच्छी व दुधारू नस्ल के बछड़े बछडियां व कटड़े-कटडिय़ां पैदा हो सके । उन्होंने बताया कि जिला में 11 हजार 388 गाय के तथा 17 हजार 819 भैंस के बच्चे कृत्रिम गर्भाधान से पैदा हुए हैं।  उन्होंने यह भी बताया कि इस परियोजना के अन्तर्गत  2 लाख 43हजार 516 पशुओं का मु$फ्त उपचार किया गया जबकि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में 205 पशु चिकित्सा शिविर लगाए गए जिनमेंं बांझपन के 1 हजार 841 पशुओं का तथा कृमि रोग के 95 हजार 766 पशुओं का इलाज किया गया। 
       

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