Sunday 29 April 2012

यमुना से लिए गए पानी के 11 सैंपल फेल

करनाल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यमुना नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इस मामले में पूरी तरह से लापरवाही बरती जा रही है। फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त और गंदा पानी बिना साफ किए यमुना नदी में बहाया जा रहा है। इन बातों का खुलासा हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने किया है। बोर्ड ने यमुनानगर और करनाल इलाके से यमुना नदी से पानी के 11 सैंपल लिए थे, जो जांच में फेल पाए गए हैं। 
ट्रीटमेंट प्लांट का फायदा नहीं : जीवनदायिनी यमुना नदी लगातार जहरीली होती जा रही है। इस नदी में बहाए जाने वाले गंदे पानी को साफ करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की सहायता से करोड़ों रुपये की लागत से स्थापित किए गए ट्रीटमेंट प्लांट से भी कोई फायदा नहीं हो रहा है। ये सभी ट्रीटमेंट प्लांट सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार की योजना के मुताबिक, यूपी और हरियाणा के यमुना नदी के साथ लगते शहरों के सीवरेज का पानी भी ट्रीटमेंट प्लांटों में साफ करने के बाद ही यमुना नदी में गिराया जाना था। लेकिन यमुना नदी के किनारे स्थापित किए गए ट्रीटमेंट प्लांट ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। जो ट्रीटमेंट प्लांट काम कर रहे हैं उनसे निकलने वाले पानी के कभी नमूने नहीं लिए जाते। दूषित पानी सीधा यमुना नदी और पश्चिमी यमुना नहर में गिराया जा रहा है। 


संबंधित विभागों को निर्देश जारी : यमुनानगर जगाधरी क्षेत्र की हजारों औद्योगिक इकाइयों का जहरीला और केमिकल युक्त पानी सीधा यमुना नदी में गिराया जा रहा है। इससे यमुना नदी में बह रहे पानी का रंग काला हो गया है और यमुना का पानी लगातार प्रदूषित व जहरीला होता जा रहा है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. सी.बी. सिंह ने बताया कि यमुनानगर व करनाल के इलाके से बह रही यमुना नदी के पानी के 11 सैंपल लिए गए थे। ये सभी सैंपल जांच में फेल हो गए और उसके बाद सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। 
अधिकारी ने झाड़ा पल्ला : उन्होंने बताया कि यमुना नदी के किनारे लगाए गए ट्रीटमेंट प्लांट कीकैपेसिटी जरूरत से कम हैं। इसके साथ ही यमुनानगर जगाधरी इलाके में स्थापित औद्योगिकइकाइयों का सर्वे किया जा रहा है , ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहां - कहां ट्रीटमेंट प्लांटकी जरूरत है। इस मसले पर यमुना एक्शन प्लान के कार्यकारी अभियंता मदनलाल ने अपनापल्ला झाड़ते हुए कहा कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सैंपल की जांच की है इसकी उन्हें कोई जानकारीनहीं है।

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