नई दिल्ली:
राजस्थान की लोकगायिका और नर्स भंवरी देवी के अपहरणकांड
में अब सीबीआई की नजर तीन कांग्रेसी नेताओं पर है. इस मामले में पकड़े गए
आरोपी शहाबुद्दीन से पूछताछ में सीबीआई को इस बात का पता चला है कि भंवरी
देवी से फर्जी सिमकार्डों के जरिए बातचीत हो रही थी. | शहाबुद्दीन
पिछले दो दिनों से सीबीआई मुख्यालय में साइंटिफिक जांच के दौरान अधिकारियों
के सवालों के जवाब दे रहा है. शहाबुद्दीन ने सीबीआई को बताया है कि एक
सितंबर को उसकी भंवरी देवी से छह से सात बार बातचीत हुई थी. जिस मोबाइल
नंबर पर शहाबुद्दीन की बात हुई थी वो नंबर उसके नाम पर नहीं बल्कि किसी
जयराम मेघवाल के नाम पर लिया गया था. | सीबीआई को जांच के दौरान पता
चला है कि अपहरण वाले दिन यानि एक सितंबर को भंवरी देवी से जिन फोन नंबरों
से बात की गई उनके सिमकार्ड किसी और के नाम पर थे जबकि उस सिमकार्ड से
बातें इस मामले में कथित रूप से शामिल शहाबुद्दीन, सोहनलाल औऱ कांग्रेस
नेता का एक भाई कर रहा था.| शहाबुद्दीन से अभी तक की पूछताछ में
सीबीआई के सामने राजस्थान के पूर्व जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा समेत
तीन कांग्रेस नेताओं के नाम आए हैं|. अभी तक की जांच के दौरान
सीबीआई को ऐसे संकेत मिले है कि भंवरी देवी अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन
सीबीआई के हाथ अभी तक ना तो भंवरी देवी की बॉडी हाथ लगी है और ना ही वो
सीडी जिसके लिए इस घटना को अंजाम दिया गया लिहाजा पशोपेश मे पडी सीबीआई
अपनी तरफ से कोई भी बात अधिकारिक रूप से कहने में कतरा रही है.सीबीआई
भंवरी देवी का सुराग पता लगाने के लिए फोन कॉल खंगालने के साथ ही राजस्थान
में कई जगह छापेमारी भी की है. सीबीआई को उम्मीद है कि इस मामले में
तथाकथित रूप से शामिल सहीराम बिश्नोई भी जल्द ही सरेंडर कर देगा. | उसके
बाद भंवरी देवी के गायब होने के मामले की परतें खुल सकती हैं. भंवरी देवी
एक सितंबर से ही जोधपुर से लापता है. माना जा रहा है कि उसके गायब होने के
पीछे की वजह एक सीडी है जिसमें पूर्व मंत्री मदेरणा के साथ भंवरी देवी के
संबंधों का सबूत है, हालांकि अभी तक सीडी का सच भी सामने नहीं आ पाया है|.